निगाह उट्ठे तो सुबह हो, झुके तो शाम हो जाए
अगर तू मुस्कुरा भर दे तो क़त्लेआम हो जाए
ज़रूरत ही नहीं तुमको मेरी बांहों में आने की
जो ख़्वाबों में ही आजाओ तो अपना काम हो जाए
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
7 comments:
जो ख्वाबों में ही आ जाओ तो अपना काम हो जाए...वाह अलबेला जी मजा आ गया।
बहुत प्यारा मुक्तक है
तेज धूप का सफ़र
बहुत सुन्दर। अलबेला जी आपसे एक शिकायत है, मैने आपके ब्लोग पे अब तक कम से कम 80 टिप्पणी की है जबकी आप शिर्ष टिप्पणी कारो मे ये संख्या बहुत कम दिखाँ रहे है।
भाई मिथिलेशजी ये मेरे हाथ में नहीं है...........
इसका नियंत्रण ये विजेट स्वयं ही करता है
लेकिन आप सद्भावना बनाए रखें.............
केवल 80 से कुछ नहीं होने वाला..........
मैं म्हणत भी तो ज़्यादा करता हूँ
मुझे मजदूरी भी डट कर मिलनी चाहिए,,,,,,हा हा हा हा
milne mein time kyu barbaad karein jab khwaabo mein hi kaam ho jaye
-Sheena
मजेदार शेर रचे हैं |
हम आपके कवि सम्मलेन देख नहीं पा रहे ?हर बार क्लिक करने पर वही का वही पेज खुलता है ?
जब दिल टूटे तो बस शायरी का सहारा सबसे बढ़िया 💕
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