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Hindi Hasya kavi Albela Khatri's blog

ताज़ा टिप्पणियां

Albela Khatri

जो ख़्वाबों में ही आजाओ तो अपना काम हो जाए ..........

निगाह उट्ठे तो सुबह हो, झुके तो शाम हो जाए

अगर तू मुस्कुरा भर दे तो क़त्लेआम हो जाए

ज़रूरत ही नहीं तुमको मेरी बांहों में आने की

जो ख़्वाबों में ही आजाओ तो अपना काम हो जाए

7 comments:

Anjelanima_एंजेला एनिमा August 28, 2009 at 12:08 AM  

जो ख्वाबों में ही आ जाओ तो अपना काम हो जाए...वाह अलबेला जी मजा आ गया।

Vipin Behari Goyal August 28, 2009 at 12:25 AM  

बहुत प्यारा मुक्तक है
तेज धूप का सफ़र

Mithilesh dubey August 28, 2009 at 1:24 AM  

बहुत सुन्दर। अलबेला जी आपसे एक शिकायत है, मैने आपके ब्लोग पे अब तक कम से कम 80 टिप्पणी की है जबकी आप शिर्ष टिप्पणी कारो मे ये संख्या बहुत कम दिखाँ रहे है।

Unknown August 28, 2009 at 1:40 AM  

भाई मिथिलेशजी ये मेरे हाथ में नहीं है...........
इसका नियंत्रण ये विजेट स्वयं ही करता है
लेकिन आप सद्भावना बनाए रखें.............
केवल 80 से कुछ नहीं होने वाला..........

मैं म्हणत भी तो ज़्यादा करता हूँ
मुझे मजदूरी भी डट कर मिलनी चाहिए,,,,,,हा हा हा हा

Shruti August 28, 2009 at 11:31 AM  

milne mein time kyu barbaad karein jab khwaabo mein hi kaam ho jaye

-Sheena

शारदा अरोरा August 28, 2009 at 12:12 PM  

मजेदार शेर रचे हैं |
हम आपके कवि सम्मलेन देख नहीं पा रहे ?हर बार क्लिक करने पर वही का वही पेज खुलता है ?

Sachin Mishra March 7, 2021 at 12:09 AM  

जब दिल टूटे तो बस शायरी का सहारा सबसे बढ़िया 💕

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