Albelakhatri.com

Hindi Hasya kavi Albela Khatri's blog

ताज़ा टिप्पणियां

Albela Khatri

मैं सपने में भी बस इक नाम हिन्दोस्तान लेता हूं.........

सियारी खाल की बदबू हवा से जान लेता हूं

सियासत वालों को मैं दूर से पहचान लेता हूँ


भुवन में हो कोई बाधा तो आए रोक ले मुझको

वो पूरा करके रहता हूं जो मन में ठान लेता हूं


मेरे गंगानगर में नहर है पंजाब से आती

इसी कारण मैं पीने से प्रथम जल छान लेता हूं


ये सब इक कर्ज़ अदाई है, न बेटा है, न भाई है

मगर तुम कह रहे हो तो चलो मैं मान लेता हूं


मैं अपने घर का चूल्हा अपने ईधन से जलाता हूं

न तो अनुदान मिलता है, न मैं ऐहसान लेता हूं


मेरा जज़्बा-ए-हुब्ब-ए-मुल्क़ लासानी है सच मानो

मैं सपने में भी बस इक नाम हिन्दोस्तान लेता हूं


प्रिये तुम जा रही हो तो मेरे सब लाभ ले जाओ

मैं अपने सर पे 'अलबेला' सभी नुक़सान लेता हूं

6 comments:

सुरेश शर्मा . कार्टूनिस्ट August 13, 2009 at 11:42 AM  

सुन्दर, भावपूर्ण रचना ! बहुत-बहुत बधाई !

nidhi August 13, 2009 at 2:24 PM  

khoobsurat rachna!

परमजीत सिहँ बाली August 13, 2009 at 2:51 PM  

अलबेला जी, बहुत बढिया रचना है।बधाई।

Mithilesh dubey August 13, 2009 at 7:27 PM  

सियारी खाल की बदबू हवा से जान लेता हूं

सियासत वालों को मैं दूर से पहचान लेता हूँ




सुन्दर,

Mithilesh dubey August 13, 2009 at 7:28 PM  

वाह अलबेला जी छा गये।

राजीव तनेजा August 14, 2009 at 12:34 AM  

सुन्दर...भाव भरी रचना

Post a Comment

My Blog List

myfreecopyright.com registered & protected
CG Blog
www.hamarivani.com
Blog Widget by LinkWithin

Emil Subscription

Enter your email address:

Delivered by FeedBurner

Followers

विजेट आपके ब्लॉग पर

Blog Archive