आँख से आँसू बरसता रह गया
तन-बदन यौवन झुलसता रह गया
मिल गया तन को समर्पण और मन
एक चुम्बन को तरसता रह गया
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
2 comments:
बात तो सही है बड़ी खुशियाँ मिल जाती है और हम छोटी-छोटी नेमतों को तरसते रह जाते हैँ
vah khubsurat kavita
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