हाइकू
बाँच लिए अब बाँचो
काइकू
पति
न बनता यदि होती
मति
सजनी
जिसकी भोर नहीं वो
रजनी
बहना
तू मेरे आँगन का
गहना
भारत
जारी है क़त्ल जारी है
गारत
रचना
धूम मचाना धूम सी
मचना
हैरत
कुछ लोगों में दिखी है
गैरत
शराब
रात को अच्छी सुबह
खराब
सावन
एक दिवस में रातें
बावन
बन्धन
राखी का है स्नेहिल
चन्दन
____________बहुत से विद्वान् साहित्यकार जापानी छन्द हाइकू
लिखते हैं । मैंने नहीं लिखे लेकिन जाने क्यों मुझे ऐसा लगता है जैसे ये
छन्द , अगर ये छन्द की श्रेणी में आता है तो कविता के लिए इससे सरल दूसरा
कोई छन्द नहीं । इसलिए पहली बार बैठे- बैठे यों ही मज़ाक-मज़ाक में कुछ
लिख दिया है हाइकू वाले अन्दाज़ में ।
कृपया जानकार लोग बताएं कि क्या ये हाइकू हैं ? नहीं हैं तो ये बताने की
कृपा करें कि हाइकू का वास्तविक स्वरूप क्या है ?
तब तक मैं इन्हें हाइकू नहीं , काइकू नाम दिए रखूंगा ॥
अपना क्या है.....हाइकू न सही..काइकू ही सही...........हा हा हा हा हा हा हा
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
-
शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
5 comments:
पढ़ ली, सोचा काइकू पढ़ी।
रक्षाबंधन पर शुभकामनाएँ! विश्व-भ्रातृत्व विजयी हो!
बढिया काइकू हैं बधाई।
bahut hi sundar .......gazab ki soch nikalate ho jisase inkar nahi kiya ja sakata ....
हाइकू लिखने के नियम:(जितना मुझे पता है)
पहली और तीसरी लाइन में पांच और दूसरी में सात अक्षर होने चाहिए
venus kesari
मंगलवार 23/04/2012को आपकी यह बेहतरीन पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं ....
आपके सुझावों का स्वागत है ....
धन्यवाद .... !!
Post a Comment