तर्ज़ : हम सब को नेक राह चलाना मेरे अल्लाह
फ़िल्म : दादा
दुनिया को स्वाइन फ्लू से बचाना मेरे दाता
दिल्ली को लाइन ब्लू से बचाना मेरे दाता
दाता तू रहम करना
दाता तू करम करना
कवि के हृदय से आ रही शुभकामना यही
जन गण के मन में आ रही है भावना यही
बंगाल में अब कोई नन्दीग्राम हो न जाए
बिहार में नक्सलियों का कोहराम हो न पाए
महाराष्ट्र में फिर बर्डफ्लू बीमारी न फैले
उत्तर प्रदेश में नया निठारी न मिले
गुजरात में अब गोधरा सी आग न लगे
खादी पे व खाकी पे कोई दाग न लगे
दाता तू रहम करना
दाता तू करम करना
सब्ज़ी हो इतनी सस्ती के सब लोग खा सकें
मिलती रहे अब गैस कि रोटी पका सकें
विद्युत कटौती से न कहीं अन्धकार हो
नल में रोजाना सुबहो-शाम जल की धार हो
पम्पों पे अब पानी मिला पेट्रोल न मिले
किरयाणे की दुकानों पे कम तौल न मिले
घी, तेल, दूध, मावा में न हों मिलावटें
केला हमें मुफ़्त मिले एप्पल के साथ में
दाता तू रहम करना
दाता तू करम करना
नींदें हमारी रातों की मच्छर न ले उड़ें
शैम्पू से नहायें तो सर के बाल न झड़ें
बस में या ट्रेन में किसी की जेब न कटे
पूरे बरस में दो से ज्यादा पैन्ट न फटे
पूंजी बाज़ार में कोई दुर्घटना घट न जाए
सेन्सेक्स इतना न गिरे की अर्थियां उठ जाएं
फिल्मों का सेन्सर बोर्ड कहीं ढीला हो न जाए
सिनेमा का सफेद पर्दा कहीं नीला हो न जाए
दाता तू रहम करना
दाता तू करम करना
अडवाणी और अटल में यों ही दोस्ती रहे
मायावती-मुलायम सिंह को कोसती रहे
धोनी क्रिकेटर ही रहें, एक्टिंग में नहीं जाए
तेन्दुलकर अब नब्बे नहीं पूरे सौ बनाए
सानिया जो चाहे पहने, कोई उंगली न उठाए
हिमेश रेशमिया की नाक बन्द न हो पाए
भारत की एकता को कोई नज़र न लगाए
पर एकता कपूर से कोई हमें बचाए
दाता तू रहम करना
दाता तू करम करना
अब ख़ुदकुशी कहीं कोई किसान न करे
नकली शराब पीने से इन्सान न मरे
बच्चों की जिद्द माँ-बाप को हैरान न करे
घरवाली रोज़-रोज़ परेशान न करे
थानों में पुलिस वाले ज़ुल्म ढाना छोड़ दें
श्री देवानंदजी फ़िलिम बनाना छोड़ दें
सब लोग पीयें, खायें, नाचें करें धमाल
हँसते-हँसाते गुज़रे अबके सबका पूरा साल
दाता तू रहम करना
दाता तू करम करना
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
9 comments:
दुनिया को स्वाइन फ्लू से बचाना मेरे दाता
दिल्ली को लाइन ब्लू से बचाना मेरे दाता
दाता तू रहम करना
दाता तू करम करना
हे भगवान सबको बचाना इस स्वाइन फ्लु से।
बहुत गज़ब!!
सबकी रक्षा करे दाता!!
बहुत ही गजब की रचना.......लाजबाव. काश ये सारी इच्छायें पूरी हो.
अब ख़ुदकुशी कहीं कोई किसान न करे
नकली शराब पीने से इन्सान न मरे
बेहतरीन कामना की है आपने
बधाई
आपने तो दुनिया भर की मुसीबतों की लिस्ट भगवान क्प पकडा दी कहीं वो भी डर ना जायें ।बडि्या पोस्त है शुभकामनायें
bahut acchhi kavita ,kuchh yo chhoda hota
badhayi
सबको तू मेट्रोमार्ग के नीचे दबाना
अलबेला भ्राता रहम करना
ऐसा न करना
मुआवजा मिले न मिले
पर मेट्रो किसी कारण न रूके
वो चलती रहे
देश का नागरिक ए सी में
ठुमकता रहे
गमकता रहे
चमकता रहे।
कामना बड़ी अच्छी है ...हम पुणे में अकेले बैठे हैं , लेकिन हमें बाहर से मिलने कोई नही आ रहा ..!इतना अधिक डर यहाँ पे फैला है ..!
वैसे 'दरारें ' इस कविता पे दी गयी टिप्पणी का जवाब देने आयी थी ..आप निरंतरता से पढ़ते हैं ...टिप्पणी भी देते हैं ...तहे दिलसे शुक्रिया ..!
इतना कहूँगी , कोई तो रात आख़री होगी ..कोई तो सुबह आख़री होगी ...ज़रूरी नही ,कि , हर रात के बाद उजाला हो ...दिलको बहलाने के लिए 'अलबेला 'ख़याल अच्छा है !
" सेहर होनेको है,
ये शमा बुझने को है,
जो रात में जलते हैं,
वो सेहर कब देखते हैं?"
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आपकी सोच तो बहुत बढिया है लेकिन.....
खैर!...उम्मीद पे दुनिया कायम है
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