Udan Tashtari has left a new comment on your post "समीरलालजी, ज़रा समझाइये कि ऐसे में क्या किया ज...": मित्रतबीयत नासाज है फिर भी अपनों की पुकार सुन सकने की क्षमता बरकरार हैसलाह माँगी है आपने, तो दे रहा हूँ.आप से दुनिया हँसी चाहती है.आप पर ईश्वर मेहरबान है कि आप में यह क्षमता है.सब भूल जाईये. बस, हास्य व्यंग्य पर कायम हो जाईये.जो विषय उठा है, माफी मांगने को कोई बाध्य नहीं कर सकता अगर आपको लगता है कि आप सही है तो वो ही सही मगर अब इस विषय को बंद कर पूर्ववत माँ शारदा की स्तुति करें और बस और बस, विशुद्ध हास्य प्रस्तुत करें. चाहें लोग लाख उकसायें, आप वापस इस पथ पर न लौटें.मेरा विश्वास मानिये, आप हर दिल पर राज करेंगे वरना तो आप जैसा चाहें.आपने पूछा तो मैने बताया. बाकी इसमें If But नहीं होता कि किसने क्या किया, और आपने क्यूँ किया. क्या सही, क्या गलत. समय फैसला कर लेगा. आप मेरी बात मानो. मन करे तो सबसे क्षमा प्रार्थी हो लो, यह बड़प्पन ही दर्शायेगा. घर की बात है. सब अपने हैं तो चिन्तित हो रहे हैं किसी से कोई दुश्मनी थोड़ी है. अन्यथा भी, अपना कार्य हास्य व्यंग्य जारी रखो, सब भूल कर.तुमसे बड़ा हूँ इसलिये सलाह दे रहा हूँ मांगने पर..अन्यथा न लेना.मेरी अनंत शुभकामनाऐं.अच्छा लिखोगे बिना विद्वेश के, हास्य व्यंग्य और खुशियाँ फैलाने, पहली टिप्पणी मेरी होगी..यह वादा रहा मेरे भाई.
Posted by Udan Tashtari to Albelakhatri.com at July 31, 2009 8:54 पम
आदरणीय समीरजी,
तबीयत नासाज़ होने पर भी आपने मेरी बात सुनी, समझी और
अपनी समयोचित राय भी दी, मैं आपका ह्रदय से कृतज्ञ हूँ ।
स्वभावतः: मैं किसी को पराया समझता ही नहीं, सभी तो अपने हैं
और अपने हैं इसीलिये मुझे तकलीफ हुई थी वरना जिसे हम गैर
समझते हैं उनकी परवाह भी कौन करता है ?
____________लीजिये मैं इस बात को ख़त्म करने के प्रयास में
क्षमा मांग लेता हूँ ताकि ये सफ़र खुशनुमा रहे................
____________समीरलालजी ये लीजिये..............
जाने अनजाने हुए जिन पे जुलम
भूल से भी होगये हैं जिन पे सितम
आओ उनके घाव पे लगादें मरहम
हाथ जोड़ विनीत हो क्षमा मांगे हम
क्षमा मांगने में हमें काहे की शर्म
क्षमा मांगने से नहीं छोटे होंगे हम
जिन वाणी है क्षमा वीरस्य भूषणम्
मिच्छामी दुक्कडम मिच्छामी दुक्कडम
सदैव विनम्र
-अलबेला खत्री
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
6 comments:
उम्मीद है सभी मान जाएंगे .. सुबह का भूला शाम को घर लौट जाए तो उसे भूला नहीं कहते !!
चलिए झगडा खत्म्!! अब तो आपसी सब गिले शिकवे दूर हो जाने चाहिए!!
साधुवाद!!!
जिन वाणी है क्षमा वीरस्य भूषणम्
सही बात।
Are waah,
Bahut badhiya,
Hum chale aapke youtube per video dekhne...
अलबेला जी, अलबेली तरकीब निकाली है।
दोस्ती का जज़्बा सलामत रहे।
मित्रता दिवस पर शुभकामनाएँ।
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