फूल की बातें करें, मकरन्द की बातें करें
गीत की बातें करें और छन्द की बातें करें
द्वेष ने बारूद पर बैठा दिया है आदमी
आइये,हम हास्य और आनन्द की बातें करें
गीत की बातें करें और छन्द की बातें करें
द्वेष ने बारूद पर बैठा दिया है आदमी
आइये,हम हास्य और आनन्द की बातें करें
2 comments:
जल्दी करो..इसी का इन्तजार लगा रहता है.
बहुत सही बस इक यही तो अपने दुखो का साथी।
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