मेरा प्रिय नगर जयपुर ..........मेरा प्रिय नगर जयपुर
सुबह गुलाबी शाम गुलाबी
दिवस गुलाबी रात गुलाबी
जित देखूं तित बात गुलाबी
माँ मरुधर का अधर जयपुर ........मेरा प्रिय नगर जयपुर
आमेर शीशमहल अति सुन्दर
अनुपम हवामहल अति सुन्दर
जल के मध्य महल अति सुन्दर
सुन्दरता का शिखर जयपुर ......मेरा प्रिय नगर जयपुर
जयगढ़ के जय बाण पे गौरव
नाहरगढ़ की शान पे गौरव
कुशवाहों के मान पे गौरव
गौरवशाली शहर जयपुर ........मेरा प्रिय नगर जयपुर
अभिनव अभिनव बिड़ला मन्दिर
गढ़ गणपति और गलता मन्दिर
एक से एक अनूठा मन्दिर
राज मन्दिर का नगर जयपुर ......मेरा प्रिय नगर जयपुर
6 comments:
जयपुर पर बहुत सुंदर रचना !!
गुलाबी गुलाबी है कविता ..................इसका जबाब नही.....सुन्दर भाव
jaipur par aappne vakai badi hi sunder rachna likhi hai....
maine jaipur main lagbhag 4 saal kam kiya hai...
main jaipur se prakashit hone vale evening plus news paper main editorial incharge tha....
aapki kavita ne meri gulabee yaden taza kar di...
apko bahut-bahut dhanyad.....
वाकई कविता भी जयपुर जैसी ही गुलाबी गुलाबी लग रही है.
रामराम.
बहुत सुन्दर. हमने आपसे प्रेरणा लेकर जयपुर पर एक पोस्ट कल सुबह ही डाल रहे हैं आपको संदर्भित भी किया है.
जयपुर नगरों की पटरानी..
कन्हैया लाल सेठीया जी ने कहा था..
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