चाहे बरसे नोट ही, चाहे डॉलर आय।
लेकिन वहां न जाइए, जहाँ फुल कप मिले न चाय ॥
________हा हा हा हा हा हा हा ________
लेकिन वहां न जाइए, जहाँ फुल कप मिले न चाय ॥
________हा हा हा हा हा हा हा ________
Labels: हास्य कविता
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6 comments:
भला माँगते आप क्यों इस गर्मी में चाय।
कितना बेहतर हो अगर शर्बत ही आ जाय।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
चलिये आप को चाय के दो कप पिलायेगे.
धन्यवाद
आधी गर दे प्यार से मन प्रसन्न हो जाय.
पूरी दे दुत्कार के ता घर,जाय बलाय.
चाय देत में गोरी को हाथ अगर छू जाय.
आगे की आशा बडे,जनम सफल हुइ जाय.
केम छो खतरी भाई
वाह वाह आपने तो हमे भी अपना प्यारा याद करवा दिया अपने अस्पताल का वार्ड सेवक हम भी उसे पुकारते थे प्यारे एक कप चाय ला दो हा हा हा
kiya bat hai, aapne padte padte chay ki yad diladi.
kiya bat hai, aapne padte padte chay ki yad diladi.
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