सुख-चैन-आराम का
सीमित है कोटा किन्तु
दु:ख-दर्द-पीर है अपार मेरे देश में
राशन जो चाहिए तो
रोकड़ी मिलेगा यहाँ,
दारू मिल जायेगी उधार मेरे देश में
अमीरी है खिला हुआ
फूल सा गुलाब का तो
गरीबी है सूखा हुआ खार मेरे देश में
ज़िन्दगी तो बीतने
लगी है बन्धु खिज़ाँ में ही
जाने कब आएगी बहार मेरे देश में
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
7 comments:
बहुत बढिया।
बेहतरीन है सब मेरे देश में.
bahut khub likha hai aapne..badhai!!!!!!
लाजवाब.
रामराम.
netao ko goli mar do...
is desh main bahrar aa jayegi......
Beautiful thought, well written.Congratulations!
मेरा भारत महान !!!!!
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