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Hindi Hasya kavi Albela Khatri's blog

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Albela Khatri

जाने कब आयेगी बहार मेरे देश में ...........

सुख-चैन-आराम का

सीमित है कोटा किन्तु

दु:-दर्द-पीर है अपार मेरे देश में


राशन जो चाहिए तो

रोकड़ी मिलेगा यहाँ,

दारू मिल जायेगी उधार मेरे देश में


अमीरी है खिला हुआ

फूल सा गुलाब का तो

गरीबी है सूखा हुआ खार मेरे देश में


ज़िन्दगी तो बीतने

लगी है बन्धु खिज़ाँ में ही

जाने कब आएगी बहार मेरे देश में

7 comments:

Anil Pusadkar June 24, 2009 at 8:39 AM  

बहुत बढिया।

Udan Tashtari June 24, 2009 at 8:39 AM  

बेहतरीन है सब मेरे देश में.

satish kundan June 24, 2009 at 9:17 AM  

bahut khub likha hai aapne..badhai!!!!!!

ताऊ रामपुरिया June 24, 2009 at 9:32 AM  

लाजवाब.

रामराम.

cartoonist anurag June 24, 2009 at 11:33 AM  

netao ko goli mar do...
is desh main bahrar aa jayegi......

nidhi June 24, 2009 at 12:29 PM  

Beautiful thought, well written.Congratulations!

स्वप्न मञ्जूषा June 24, 2009 at 9:55 PM  

मेरा भारत महान !!!!!

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