उदर की आग में जलता जहाँ इन्सान रोता है
ज़मीं के हाल पे बन्धु वहाँ आस्मान रोता है
कुचलता है जहाँ माली ही निज कदमों से कुसुमों को
वहाँ तामीर रोती है, वहाँ निर्माण रोता है
भुवन पर छा रहे हैं रात-दिन विध्वंस के बादल
अमन नेहरू का और राजीव का अरमान रोता है
सियासत नाचती है निर्वसन हो रोज़ संसद में
और आँसू खून के इस देश का संविधान रोता है
उस इक बेटी का कद माँ भारती से भी बड़ा पा कर
पिता दशमेश की सन्तान का बलिदान रोता है
अज़ान-ओ-आरती की तेग़ जब नर-रक्त पीती है
लिपट अल्लाह की छाती से तब भगवान रोता है
किसे फ़ुर्सत, जो अब देखे वतन के ज़ख्म 'अलबेला'
कि अपने हाल पर अक्सर ये हिन्दुस्तान रोता है
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
6 comments:
Waah bahut sundar..
Par "Raajiv" waali baat se sahamt nahin ho paayaa :))
घी में गाय की चर्बी, दूध में यूरिया
अनाज में कंकड़, मसालों में बुरादा
सब्जी में रसायन, दालो पर रंग !
और तो और, जिसकी सर-जमीं पर
सरकार ही मिलावटी है, तो अब
रोओ-हंसो, रहना इन्ही के संग !!
मिलावट और बनावटीपन का युग है
अपने चरम पर पहुंचा कलयुग है
आज सराफत की पट्टी अल्कैदा लिए है !
उसे रोना ही होगा अपनी किस्मत पर
क्योंकि आजादी के बाद उसकी माटी ने
इंसान ही सारे मिलावटी पैदा किये है !!
aapka hasya aur vaung bahut accha hai...
bahut acchi rachna
bhut asaan aur kam shabdo me aapne ne bhatke hindustaniyo ko bhut badi seekh de di
jaroorat hain...awareness ki....Moral teaching to school ke syllabus ka subject hi nahi raha....ab to missionaries schools mein gandhi, subhash, bhagat singh ki tasveere bhi nahi hoti.... han annual function mein pop music, fashion show par performance jaroor hota hain.....prayer mein Angraji mein tanku god bola jata hain .... saraswati vandana ki to baat hi chod digiye... jo sanskaar mil rahe to aise hi bharat ka nirmaan hoga....opper se schools ki sankhaya badhti ja rahi hain
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