न जाने क्या मुसीबत है न जाने क्या क़यामत है
नज़र आएगा नूर-ए-कल तसव्वर ला ज़मानत है
तशद्दुद इस क़दर हावी दहर पै हो गया यारो
बशर है चीज क्या यां तो ख़ुदा भी बे हिफाज़त है
अगर ज़िन्दा जलाता तो न जाने क्या हुआ होता
सितम इतना भी न करना सितमगर की शराफ़त है
तमाशा क्या है 'अलबेला' मेरे ज़ेहन से बाहर है
बशर तो मर गया लेकिन अभी खंजर सलामत है
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
1 comments:
वाह क्या बात है...
रामराम.
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