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ताज़ा टिप्पणियां

Albela Khatri

आशीष खंडेलवालजी, कृपया मेरी मदद करें........

आदरणीय आशीष खंडेलवालजी,
नमस्कार

पिछले कुछ दिनों से मेरे ब्लॉग albelakhari.blogspot.com पर स्थित शीर्ष टिपण्णीकार गजेट में से अपने आप टिप्पणियां कम हो रही हैं उदाहरण के लिए कुछ दिन पहले उड़नतश्तरी की 43 टिप्पणियां थीं जो घटती गईं पहले मैंने सोचा कि समीरलाल जी ने कुछ टिप्पणियां स्वयं ही कम कर दी होंगी लेकिन उन्होंने बताया कि ऐसा कुछ नहीं किया उनकी नई टिप्पणियों ने संख्या पुनः 43 पर पहुँचा दी लेकिन आज देखीं तो फिर 33 दिख रही हैं

यह तो एक उदाहरण है क्योंकि सभी की टिप्पणियां कम होती जा रही हैं

मैंने संजय बेंगानी, समीरलाल, अविनाश वाचस्पति इत्यादि से सलाह मांगी तो सबने एकमत होकर यही कहा कि आपसे मदद मांगूं क्योंकि यह एक नई समस्या है जो पहले कभी किसी के साथ नहीं हुई

चूंकि मैं इस क्षेत्र में नया नया हूँ इसलिए कृपया मेरी मदद करें ....... बताएं कि ये क्या हो रहा है ?

निजी ईमेल की बजाय मैंने यहाँ इसलिए लिखा है ताकि किसी और को भी ये समस्या आए तो वह आपकी सलाह से उसका निदान कर सके

सधन्यवाद,
-अलबेला खत्री

15 comments:

विवेक रस्तोगी June 22, 2009 at 2:12 PM  

अरे ये तो किसी विरोधी पार्टी का षड़यंत्र लगता है।

ताऊ रामपुरिया June 22, 2009 at 2:19 PM  

भाई खत्रीजी आपकी टिपणियां इस लिये कम हो रही हैं कि जिससे हमारी बढ जायें और हम एक नम्बर पर आजाये.:)

रामराम.

वैसे आप चिंता मत करिये इस समस्या से हम भी दो चार हो चुके हैं. हमारे लठ्ठ दिखाते ही टिपणियों ने कम होना बंद कर दिया.

आप भी ऐसा ही करिये.:)

रामराम.

Unknown June 22, 2009 at 2:19 PM  

vivekji,
koi virodh aise karega, ye baat zara kam samajh me aati hai, vaise bhi sabhi toh prem karte hain, apnaa koi virodhi nahin, haan agar aapki baat me zara bhi sacchaaee hai to virodhi bhai mujhe meri us bhool k liye kshma kar de jo main nahin jaanta ki kab hui aur kya hui
-albela khatri

ताऊ रामपुरिया June 22, 2009 at 2:21 PM  

आपके यहां हुई इस डकैती की घटना का हमको बडा दुख है. हमने आशीष जी से अभी बात करी है वो उनका डाग स्क्वाड लेकर डकैतों की धरपकड के लिये आते ही होंगे.

रामराम.

ताऊ रामपुरिया June 22, 2009 at 2:32 PM  

लो जी ये क्या हुआ? अभी अभी तो हमारी और समीरजी की ३३ - ३३ टिपणीयां थी. अब हमारी ३३ और समीरजी की ३२ यानि डकैती अभी चालू है.:)

आपका फ़ोन नम्बर मेरे कमेंट बाक्स मे छोड दिजिये. मोडरेशन लगा है. आप चिंता ना करें. मैं बताता हूं कि क्या हुआ है?

रामराम.

आशीष खण्डेलवाल (Ashish Khandelwal) June 22, 2009 at 2:44 PM  

अलबेला खत्री जी,

न तो कोई डकैती पड़ी है और न ही ये किसी विरोधी पार्टी की साजिश है। आपकी टिप्पणियां भी किसी ने नहीं मिटाई हैं। फिर भी ये दिन-ब-दिन ये कम हो रही हैं.. आप यही सोचकर चौंक रहे हैं ना..

कारण बताता हूं। इस विजेट को इस तरह कस्टमाइज किया गया है कि यह आपकी ताज़ा 500 टिप्पणियों को ही पढ़ता है, उसके बाद उन्हें जमाता है और टिप्पणीकारों का क्रम तय करता है। यानी जो टिप्पणियां 500 से पार चली गईं, उन्हें यह विजेट नहीं पढ़ता है।

अब यह कारण भी जान लीजिए कि इसे ऐसा क्यों रखा गया है।

कारण-1.. पहली 500 टिप्पणियां पढ़ने में कम समय लगता है। पूरी पढ़ने में पेज लोड का टाइम बढ़ जाता है।

कारण-2.. अगर ऐसा नहीं होगा तो जो एक बार नंबर एक पर काबिज हो गया उसे नीचे लाना मुश्किल होगा। नए टिप्पणीकार भी इस तरह अपना नाम आपके इस विजेट में देख सकते हैं। और सभी को इसमें अपना स्थान बरकरार रखने के लिए हर बार टिप्पणी करनी पड़ती है।

है कि नहीं फायदे का सौदा.. अगर नहीं तो बता दीजिए.. आपकी सारी टिप्पणियों को पढ़ने वाला विजेट लगा देंगे जी..

इजाज़त हो तो जांच कमेटी की रिपोर्ट को एफआर लगा दें.. :)

रंजन June 22, 2009 at 2:58 PM  

अलबेला जी.. ये विजेट शायद अंतिम ५०० टिप्पणी की गिनती करता है.. इसलिये एसा हो रहा है.. आप ये ट्राई करें

http://www.bloggerplugins.org/2008/06/top-commentators-widget-for-blogger.html


उम्मीद है आपकी समस्या का समाधान हो जायेगा.

Unknown June 22, 2009 at 3:24 PM  

HAARDIK DHNYAVAAD AASHISHJI..........RANJANJI...........

aapke is sandesh se badi raahat mili.....main hi nahin aaj aur bhi kai logon ne is babat jaankaari prapt kar li.

aapka hriday se kritagya hoon.
vaise itni jaldi aapne is par dhyan de kar yah bhi saabit kiya ki aapko is vidha se kitna lagav hai....
ranjanji ne bhi achhi salaah di
bhai, aap logon ko toh dilli me shapath grahan karke desh ki seva karni chahiye ...........sach...desh me kaam bahut fast hoga.

jo bhi ho, is bahaane aashish ji ki albela khatri ko pahli tippani toh mili ...aao isee ko enjoy karte hain HA HA HA HA

saabhaar,
-albela khatri

राज भाटिय़ा June 22, 2009 at 3:49 PM  

अरे बरसात नही हुयी इस लिये टिपण्णियां गर्मी के कारण मुर्झा रही होगी,
मुझे शिकायत है
पराया देश
छोटी छोटी बातें
नन्हे मुन्हे

अविनाश वाचस्पति June 22, 2009 at 4:57 PM  

राज की बात बतलाऊं
मुरझा नहीं रही होंगी
पिघल कर बही जा रही होंगी
पसीने की माफिक
इसीलिए नमकीन नमकीन
लग रहा होगा
जब नमक ज्‍यादा खाएं
तो गर्मी अधिक लगती है।

रंजन June 22, 2009 at 4:59 PM  

कविवर ये तरीका अच्छा और नया है टिप्पणी लेने का..:)

Gyan Darpan June 22, 2009 at 9:20 PM  

अरे खत्री साहब मुझे तो ताऊ का लट्ठ टिप्पणी खेंचू विजेट लग रहा है लगता है सारी टिप्पणियाँ ये विजेट ताऊ. इन पर खेंच ले जा रहा है |
खैर अब तक तो कई लोगो ने आपकी इस समस्या का हल बता दिया इसलिए ताऊ के इस लट्ठ विजेट पर शंका न करें |

कौतुक रमण June 22, 2009 at 9:38 PM  

अलबेला को गम
टिप्पणी हुई कम
राम्प्यारी को बुलाओ
गोलू पांडे को बुलाओ
ये क्या हुआ कि
खंडेलवाल को सताओ

Himanshu Pandey June 23, 2009 at 6:25 AM  

अब तो समस्या हल हो ही गयी । आशीष जी मुस्तैद रहते हैं हर वक्त ।

संजय बेंगाणी June 23, 2009 at 9:57 AM  

विजेट में गड़बड़ दिखाई दे सकती है. तकनीकी मामला है. देखें सचमुच में कम हो रही है या नहीं, जो कि नहीं होती.

आप अपनी चिट्ठा सम्बन्धी तकनीकी समस्या चिट्ठाकार ग्रुप में रख सकते है. वहाँ जानकार लोग तत्काल समाधान बताते है.

http://groups.google.com/group/Chithakar?hl=hi

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