Albelakhatri.com

Hindi Hasya kavi Albela Khatri's blog

ताज़ा टिप्पणियां

Albela Khatri

पिता का कोई पर्याय नहीं है .................

जिन से
यह देह मिली
देह को
स्नेह दुलार और विस्तार मिला

जीवन मिला
जीवन के पौधे नैतिकता का संचार मिला
श्रमशील और स्वाभिमानी रहने का संस्कार मिला

प्यार मिला
दुलार मिला
घर मिला
परिवार मिला
समाज मिला .........संसार मिला

वो सब मिला बिन मांगे, जो मुझे मांगना भी नहीं आता था
मुझे तब चलना सिखाया ....जब रेंगना भी नहीं आता था
मैं नहीं भूला कुछ भी
न आपको
न आपकी सौगात को
न उस काली रात को
जब आप चिरनिद्रा में सो गये
जिस का रात-दिन स्मरण करते थे
उसी परमपिता के हो गये
छोड़ गये
तोड़ गये सब बन्धन घर-परिवार के
देह के और दैहीय संसार के

काश! आज आप होते
तो मैं इतना तन्हा न होता ..............
सच है
पूर्ण सच है ....
इसमें किसी को दो राय नहीं है
पिता का कोई पर्याय नहीं है
पिता का कोई पर्याय नहीं है

मैं नहीं जानता पुनर्जन्म होगा या नहीं
हुआ भी तो मानवदेह मिलेगा या नहीं
परन्तु
प्रार्थना नित यही करता हूँ
एक बार नहीं, बार बार ऐसा हो, हर बार ऐसा हो
मैं रहूँ पुत्र और आप ! हाँ .....आप ही मेरे पिता हो

आप ही आराध्य मेरे
आप ही हैं देवता
कृतज्ञता !
कृतज्ञता !
कृतज्ञता !

5 comments:

Anil Pusadkar June 22, 2009 at 10:47 AM  

मेरे दिल की बात कह दी आपने।दिल जीत लिया आपने।

ताऊ रामपुरिया June 22, 2009 at 11:23 AM  

बहुत मार्मिक.

रामराम.

अविनाश वाचस्पति June 22, 2009 at 5:03 PM  

अपनी इस कविता को पिताजी ब्‍लॉग पर लगाएं। पिताजी ब्‍लॉग में सम्मिलित होने/जुड़ने का आमंत्रण आपको भेजा हुआ है।

अविनाश वाचस्पति June 22, 2009 at 5:05 PM  

भावों का अभाव नहीं है आपके पास
सच्‍चाई से विचार पनपते हैं अच्‍छे।

Udan Tashtari June 22, 2009 at 8:48 PM  

पितृ दिवस पर इससे बेहतर प्रस्तुति और क्या हो सकती है. लाजबाब!

Post a Comment

My Blog List

myfreecopyright.com registered & protected
CG Blog
www.hamarivani.com
Blog Widget by LinkWithin

Emil Subscription

Enter your email address:

Delivered by FeedBurner

Followers

विजेट आपके ब्लॉग पर

Blog Archive