सड़क दुर्घटनाओं ने बहुत दुःख दिया है भाई...
ज़रा बच के चलो......
_____________दो बातें याद रखो _____________
_____________कभी न भूलो_______________
एक :
सड़क खाली देख कर रात के समय वाहन ज़्यादा मत भगाओ, चालक को नींद का झोंका आ सकता है , अचानक सड़क पर कोई जानवर - मवेशी आ सकता है या गड्ढा आ सकता है जो कि खतरनाक हो सकता है ....
दो :
वाहन चलाते समय मान कर चलो कि सिर्फ़ तुम्हारे ही पास आँखें हैं बाकी सारी दुनिया अन्धी है .... इसलिए तुम्हें ही बच कर चलना है क्यों कि घर में तुम्हारे अपने तुम्हारा इन्तज़ार कर रहे हैं..............
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
4 comments:
जानते तो सब हैं
पर जब खुद चलाते हैं
तो याद रखने वाले
बच जाते हैं
और भूलने वाले
सुर्खियों में जगह
पाते हैं।
अलबेला जी..आप ये कह रहे हैं...इधर कुछ समय से देख रहा हूँ माता पिता अपने छोटे बच्चों को भी गाडी चलाने के लिए दे देते हैं..सोचिये जब वे चलाते हैं तो क्या होगा...समस्या गंभीर है ..और इलाज खुद हमें ही करना है...
बिल्कुल सौ प्रतिशत खरी और उचित सलाह. आभार आपका.
रामराम.
मेरी दिली इच्छा है कि कभी मुझे किसी चौराहे पर खड़ा कर ट्रैफ़िक का उल्लंघन करने वालों को हाथों-हाथ सजा देने का सुख प्राप्त हो। फ़िर मैं तेज़ गाड़ी चलाने वाले की गाड़ी का क्लच और एक्सेलेटर वायर तोड़ूँ, तीन सवारी बैठाने वाले की हवा निकालूं, बगैर लायसेंस गाड़ी चला रहे व्यक्ति को 3 घंटे धूप में खड़ा रखूं, 18 साल से नीचे के बच्चे को गाड़ी देने के जुर्म में उसके बाप को बुलाकर 40 उठक-बैठक लगवाऊं… मेरा यह सपना इस जन्म में तो पूरा नहीं हो पायेगा… लेकिन यदि किस्मत से कोई ट्रेफ़िक इंस्पेक्टर यह टिप्पणी पढ़ ले तो इन तरीकों को जरूर आजमाये, क्योंकि भारत के लोग “डण्डा” किये बिना सुधरते नहीं हैं… (यह टिप्पणी आज ही शास्त्री जी के चिठ्ठे पर भी की है)…
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