राज भाटियाजी की नई नई शादी हुई थी।
शादी के अगले दिन पति -पत्नी दोनों मन्दिर गए।
लेकिन भाईजी ने भाभीजी को बाहर ही खड़ा कर दिया,
ख़ुद अकेले ही दर्शन कर के आ गए ।
ताऊ रामपुरिया ये देख रहे थे । उन्होंने भाटिया जी से कहा-
- कमाल करते हो यार ! कल तुम्हारी शादी हुई है । आज पहली बार
जोड़े से मन्दिर आए हो और अपनी श्रीमतीजी को
बाहर ही खड़ा कर दिया ?
भाटिया जी बोले - ताऊ इसमे मेरी कोई भूल नहीं है .....
वो देखो मन्दिर के आगे साफ़ साफ़ लिखा है
==नशीली चीज़ें अन्दर लेजाना मना है ........हा हा हा हा हा हा
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
11 comments:
अलबेला जी बात तो आप की ठीक है, लेकिन मै कभी मंदिर नही जाता, बस उस दिन गया ओर ताऊ ने झट से चुगळी भी कर दी.
कभी पुरानी पुरानी शादी भी होती है क्या ?
हा हा!! अभी राज जी ने पढ़ा नहीं है. :)
राज भाटिया जी बुरा मान गए हैं...मुझे ताऊ ने बताया है...
आप वहाँ क्या कर रहे थे ? ? ---
पत्नी और नशीली केवल नयी है तब तक ही..
अच्छा व्यंग्य..।
अरे खत्री जी आजकल तो सबकी पोल खोलने में लगे हो |
पता नहीं बेचारे भगवान को किस-किस चीज से महफूज रखा जाता है ?
bahut achhe.....
maza aa gaya........
lekin ek batt tay hai ab taou ji aour raj ji than jarur jayegee.....
भाई आप हम दोनो हरयाणवियों के पीछे कैमरा लेकर ही लगे रहते हो? आपको मैने कहा था कि और किसी को यह बात मत बताना.:)
ये अच्छी बात नही है (स्टाईल = अटल जी )
रामराम.
khub rahi ye bhi!!
भगवान जी भीतर अकेले थे क्या?
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