सुरों की सरिता आप,
शब्दों की संहिता आप
कवि की कविता आप देवी माता शारदे !
हंस पे सवार नित,
वीणा की झंकार नित
सुनती पुकार नित देवी माता शारदे !
थोड़ा सा मैं ज्ञान माँगूं,
विद्याधन दान माँगूं
इक वरदान माँगूं देवी माता शारदे !
जन पे ज़ुलम मिटे,
भारत से तम मिटे,
कभी न कलम मिटे देवी माता शारदे !
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
7 comments:
आशीष बनाये रखें देवी माता शारदे ...बस यही प्रार्थना है.
जन पे ज़ुलम मिटे,
भारत से तम मिटे,
कभी न कलम मिटे देवी माता शारदे !
मेरी भी यही प्रार्थना है।
Barish se man bhare
Har khet khalian hare
Sab milkar pyar kare
aap u his likhte rahe
koi email link ka bhi har bane
Jai sharde Jai shared
Albela par aur karam kar de
Jai jai maa sharde
Ramesh Sachdeva
hpsdabwali07@gmail.com
जय हो माते.
रामराम.
maa sharda ko naman ! achchi vandana hain... but aap sirf apne liye maang rahe hain ya phir sabke liye....
मां शारदा की क्रृपा बनी रहे।
हम जिस काम को भी करें पूरी लगन , समर्पण और इमानदारी से करें .... फिर हमें वंदना करने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी .... देवी-देवता स्वयं हमारे साथ लग लेंगे !
आज की आवाज
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