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Albela Khatri

देवी माता शारदे !

सुरों की सरिता आप,

शब्दों की संहिता आप

कवि की कविता आप देवी माता शारदे !


हंस पे सवार नित,

वीणा की झंकार नित

सुनती पुकार नित देवी माता शारदे !


थोड़ा सा मैं ज्ञान माँगूं,

विद्याधन दान माँगूं

इक वरदान माँगूं देवी माता शारदे !


जन पे ज़ुलम मिटे,

भारत से तम मिटे,

कभी कलम मिटे देवी माता शारदे !

7 comments:

Udan Tashtari June 26, 2009 at 7:49 AM  

आशीष बनाये रखें देवी माता शारदे ...बस यही प्रार्थना है.

संगीता पुरी June 26, 2009 at 9:09 AM  

जन पे ज़ुलम मिटे,

भारत से तम मिटे,

कभी न कलम मिटे देवी माता शारदे !
मेरी भी यही प्रार्थना है।

ACHARYA RAMESH SACHDEVA June 26, 2009 at 9:49 AM  

Barish se man bhare
Har khet khalian hare
Sab milkar pyar kare
aap u his likhte rahe
koi email link ka bhi har bane
Jai sharde Jai shared
Albela par aur karam kar de
Jai jai maa sharde

Ramesh Sachdeva
hpsdabwali07@gmail.com

ताऊ रामपुरिया June 26, 2009 at 9:52 AM  

जय हो माते.

रामराम.

प्रिया June 26, 2009 at 10:40 AM  

maa sharda ko naman ! achchi vandana hain... but aap sirf apne liye maang rahe hain ya phir sabke liye....

Anil Pusadkar June 26, 2009 at 11:38 AM  

मां शारदा की क्रृपा बनी रहे।

प्रकाश गोविंद June 26, 2009 at 12:35 PM  

हम जिस काम को भी करें पूरी लगन , समर्पण और इमानदारी से करें .... फिर हमें वंदना करने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी .... देवी-देवता स्वयं हमारे साथ लग लेंगे !

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