नाम वाम में कुछ नहीं, नाम वाम बकवास
सत्य नारायण नाम के, झूठे मिले पचास
नाम में क्या रखा है, नाम किसी का नवाज़ शरीफ़ हो तो वो कोई शरीफ़ थोड़े न हो जाएगा, नाम किसी का जेठमलानी हो तो वो कोई हेमा मालिनी का जेठ थोड़े न हो जाएगा ...और नाम महबूबा मुफ़्ती हो तो क्या महबूबा मुफ़्तमें मिल जायेगी ? सब फोकट की बातें हैं लेकिन .......................
कुछ लोगों के नाम लेने से ही हास्य पैदा हो जाता है । मैंने एक बाबाजी से पूछा - बाबाजी आपका नाम ? वे बोले- आलू दास ....मैंने कहा -वाह ! बाबाजी वाह ! नाम का नाम और भाजी की भाजी ...........एक आदमी का नाम है मालपानी । मैंने पूछा- यार ये मालपानी कैसे ? बोला - दादाजी ने बहुत माल कमाया था जिस पर पिताजी ने पानी फेर दिया ।
वैसे मेरा नाम भी कौनसा ढंग का है........वो स्टार वन के लाफ़्टर चैलेन्ज में पेरिजाद कोला बोली - अलबेलाजी, आपका नाम बड़ा बेढंगा है ...अलबेला तो समझ में आता है, ये पीछे खत्री क्या है ? मैं बोला -देवी, जैसे छाता होता है , वैसे छत्री होती है और जैसे खतरा होता है, वैसे खत्री होती है .........लेकिन घबराने की बात नहीं है, खतरा घर में ही है .......हा हा हा हा
एक आदमी का नाम तो था प्राणनाथ , संयोग से वो ऐसे ऑफिस में चपरासी लग गया जहाँ महिलायें बहुत काम करती थीं । अब महिलाओं को समस्या हो गई, तीन दिन तो किसी ने उससे बात ही नहीं की, करे भी कैसे ,नाम ही है प्राण नाथ ....प्राण कह नहीं सकती, नाथ कह नहीं सकती और प्राण नाथ तो कह ही नहीं सकती.... वो सब गईं मैनेजर के पास । मैनेजर बोला -मैं सब ठीक करता हूँ ... ऐ प्राण नाथ ! कैसा नाम रखते हो ..कोई ले भी नहीं सकता ...सरनेम क्या है ?
वो बोला - स्वामी.........हा हा हा हा हा हा हा हा हा
सत्य नारायण नाम के, झूठे मिले पचास
नाम में क्या रखा है, नाम किसी का नवाज़ शरीफ़ हो तो वो कोई शरीफ़ थोड़े न हो जाएगा, नाम किसी का जेठमलानी हो तो वो कोई हेमा मालिनी का जेठ थोड़े न हो जाएगा ...और नाम महबूबा मुफ़्ती हो तो क्या महबूबा मुफ़्तमें मिल जायेगी ? सब फोकट की बातें हैं लेकिन .......................
कुछ लोगों के नाम लेने से ही हास्य पैदा हो जाता है । मैंने एक बाबाजी से पूछा - बाबाजी आपका नाम ? वे बोले- आलू दास ....मैंने कहा -वाह ! बाबाजी वाह ! नाम का नाम और भाजी की भाजी ...........एक आदमी का नाम है मालपानी । मैंने पूछा- यार ये मालपानी कैसे ? बोला - दादाजी ने बहुत माल कमाया था जिस पर पिताजी ने पानी फेर दिया ।
वैसे मेरा नाम भी कौनसा ढंग का है........वो स्टार वन के लाफ़्टर चैलेन्ज में पेरिजाद कोला बोली - अलबेलाजी, आपका नाम बड़ा बेढंगा है ...अलबेला तो समझ में आता है, ये पीछे खत्री क्या है ? मैं बोला -देवी, जैसे छाता होता है , वैसे छत्री होती है और जैसे खतरा होता है, वैसे खत्री होती है .........लेकिन घबराने की बात नहीं है, खतरा घर में ही है .......हा हा हा हा
एक आदमी का नाम तो था प्राणनाथ , संयोग से वो ऐसे ऑफिस में चपरासी लग गया जहाँ महिलायें बहुत काम करती थीं । अब महिलाओं को समस्या हो गई, तीन दिन तो किसी ने उससे बात ही नहीं की, करे भी कैसे ,नाम ही है प्राण नाथ ....प्राण कह नहीं सकती, नाथ कह नहीं सकती और प्राण नाथ तो कह ही नहीं सकती.... वो सब गईं मैनेजर के पास । मैनेजर बोला -मैं सब ठीक करता हूँ ... ऐ प्राण नाथ ! कैसा नाम रखते हो ..कोई ले भी नहीं सकता ...सरनेम क्या है ?
वो बोला - स्वामी.........हा हा हा हा हा हा हा हा हा
13 comments:
खूब कही खत्री जी।
बहुत खूब।
सुबह निर्मल हो गई।
धन्यवाद
बहुत सुंदर! सुबह सुबह हंसाने के लिए धन्यवाद! दिन अच्छा गुजरने की संभावना है। यदि अच्छा गुजरा तो अगली पोस्ट पर दुबारा धन्यवाद के लिए जरूर आऊंगा।
aaj subah ki shuruaat aap ki gudguda dene wali post se hui..is tez raftar jindagi main yadi subah subah hansne ho mil jaye to aur badi baat kya hai..bahut khub!!
maza aa gaya albela ji.
maza aa gaya albela ji.
maza aa gaya albela ji.
बहुत लाजवाब भाई.
रामराम.
maza aa gaya albela ji.
वाह खत्री जी ..........लाजवाब लिखा है........ हास्य तो हर चीज़ में है.......... दखने वाले की नज़र चाहिए
aapke blog par pehelo baar aai hu...kaafi acha laga..
naam bhi kisi ko hasane ke kaam aa jaye..kisi ke chehre par muskurahat laaye ..bas ji aur kya chahiye
ha ha ha ...
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