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Hindi Hasya kavi Albela Khatri's blog

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Albela Khatri

तिनका भी न मिला हमें........................

दर्दे-मुहब्बत दर्दे-जिगर और दर्दे-जुदाई मिला हमें

फिर भी वफ़ा करते जायेंगे शिकवा गिला हमें


जिन ज़ुल्फ़ों के जाल में उलझे-उलझे ही दम टूट गया

हाय ! सुलगती धूप में उनका साया तक मिला हमें


दर- दर गिरते - पड़ते गुज़री उम्र हमारी क्या कीजे

साथी सईगर कोई , ही राहबर मिला हमें


बीच समन्दर पहुंचे हम तो तूफ़ानों की दहशत थी

साहिल तो है बात दूर की तिनका भी मिला हमें


आह ! जवानी फूट-फूट क्यों रोये इस हालत पर

मर जाएँ तो लोग कहेंगे क़फ़न तलक मिला हमें


पढ़ते - पढ़ते 'अलबेला' काबिल तो हुए वज़ारत के

यार मगर चपरासी तक का ओहदा भी मिला हमें

4 comments:

अविनाश वाचस्पति June 23, 2009 at 9:19 AM  

जब कुछ भी नहीं मिला
तब तो यहां तक आ पहुंचे
कुछ मिल जाता गर
तो बन जाते खुदा
फिर हम कैसे पहुंचते
आपके पास बतला।

अजय कुमार झा June 23, 2009 at 9:24 AM  

हाय किस्मत ही रकीब निकली हमारी,
न बेवफाई का,न मुहब्बत का मिला सिला हमें...

अलबेला जी ..आपको पढने में एक अलग ही आनंद है.....

Prem Farukhabadi June 23, 2009 at 10:31 AM  

बीच समन्दर पहुंचे हम तो तूफ़ानों की दहशत थी
साहिल तो है बात दूर की तिनका भी न मिला हमें
kya baat hai Albelaji .

Shruti June 23, 2009 at 12:17 PM  

दर्दे-मुहब्बत दर्दे-जिगर और दर्दे-जुदाई मिला हमें
फिर भी वफ़ा करते जायेंगे न शिकवा न गिला हमें
==========
pyaar karne walo ko mila yahi sila hai...
dard mile, judaayi mile, unhe na koi gila hai...

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