मैं गीतकार हूँ
गीत लिखता हूँ
महंगा लिखता हूँ
सस्ता बिकता हूँ
लेकिन जब कोई चेक मिल जाता है
तो जब तक न वो कैश हो पाता है
बैंक के आस-पास ही दिखता हूँ
_________है न शानदार पंक्तियाँ ........
_________पर मेरी नहीं वीनू महेन्द्र की हैं ....हा हा हा हा हा हा
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
12 comments:
tumhare paas koi kaam dhandha nahi hai kyaa? har 10 minute baad likhane baith jaate ho|
कैश ke chakkar me to sabhi pade hai aap kaun sa khas kar rahe hai. ha - ha
भाई अनानिमश जी महाराज को यहां भी तकलीफ़ खडी होगई? आपने कितना कहां लिख रखा है अनानिमश जी?
रामराम.
अलबेला जी जब चेक भुन जाये तो बताना, हम भी आ जायेगे, फ़िर बेठ कर इकट्ठे इसे मुकायेगे.
tumhare paas koi kaam dhandha nahi hai kyaa? har 10 minute baad likhane baith jaate ho|
मुझे तो ये शानदार लगी..
्वैसे इनके पास कोई काम धन्धा नहीं हर दस मिनिट बाद पढने आ जाते हो..
हा हा हा.. कैसी कही..
ranjan jee ne badhiya jawab diya ....
RANJANJI,
SAHI JAWAAB !
KAMAAL KAR DIYA AAPNE.....WAAH ! WAAH !
aap chtkalebaazi ke is khel me agle round k liye
qualify ho gaye hain ..mubaraq !
DEKHO BHAI, BURA NA MANNA, MAIN TOH SIRF ISLIYE
YE NATAK KAR RAHA HOON TAKI MAHAUL BOJHIL NA HO
AUR EK PARIVAAR KI TARAH HUM AAPAS MEN HANSI _
THITHOLI KARTE RAHEN
-albela khatri
अल्बेला जी, अब तक तो बैंक बन्द हो गया होगा....अब तो सोमवार को ही कैश होगा.
हमें कविता पढ़वाने की लत लगवा के कहीं हमशे भी कैश वशुलने मत लग जाइयेगा !!
मस्त पंक्तियाँ.
kya sabko hansa kar hi manoge. bahut achchhe.
बैंक के पास दिखने वाले लोगों का कारण आज समझ में आया ।
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