ज़िन्दगानी नहीं अब क़ज़ा दीजिये
मुझको मेरे किए की सज़ा दीजिये
साथ चलने की तुमको ज़रूरत नहीं
चल तो सकता हूँ रस्ता बता दीजिये
पीस डालो मेरा दिल हिना जान कर
अपनी कोमल हथेली सजा लीजिये
ज़ख्म रिसते हैं मेरे तो रिसते रहें
आप गैरों के ग़म की दवा कीजिये
राह से गर हटाना ही चाहो जो तुम
पाँव से एक ठोकर लगा दीजिये
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
8 comments:
वाह! वाह! बहुत उम्दा!
यहां आपकी टिप्पणी का इंतेज़ार है
कहर बरपा दिया अलबेला महाराज.........
बहुत लाजबाव,
लेकिन अगर दो पाकेट हिना के ला दो तो दिल बच जायेगा :)
धन्यवाद
हमें पैर का अपने
अंगूठा नहीं तुड़वाना है
पीस डालो मेरा दिल हिना जान कर
अपनी कोमल हथेली सजा लीजिये
वाह गुरु सलाम है आपको.
रामराम.
अलबेला जी,
दिल पीस कर हिना लगाने के हम नहीं कायल
बस दो पाकेट हिना का दाम पहुँचा दीजिये
जबरदस्त...
बहुत बढिया!!
साथ चलने की तुमको ज़रूरत नहीं
चल तो सकता हूँ रस्ता बता दीजिये
बढ़िया ग़ज़ल कही है अलबेला जी...बधाई.
नीरज
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