दलदलों में प्यार की धंसते रहे हैं लोग
दर्दो-ग़म के जाल में फंसते रहे हैं लोग
बन के दीवाने, ज़माने में भटक रहे हैं
ख़ुद ही जलाके आशियाँ, हँसते रहे हैं लोग
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
9 comments:
बहुत् बढिय......बेहतरीन
बहुत ही बढिया
bahu hi achhi rachna hai...
badhai......
atayant sundar..
aaj ke logo ka charitr chitran kiya hai aapne..
badhayi ho..bahut achhca
सुन्दर।
बहुत ही उम्दा विचार है.....................सही है गमो ने किसी को इतना तोडा कि होश ही नही रहे कि आशियाँ जल गया...............वाह वाह.........
achhi rachana ki hai!! sort n sweet!!
बहुत बेहतरीन!! वाह!
हंसना आशिकी है
हंसने वालों के लिए
हंसाने वालों के लिए
बस वे हंस पर
सवारी नहीं किया करते हैं
हंस लिया और
हंस दिया करते हैं।
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