राज भाटिया और ताऊ रामपुरिया गार्डन में टहल रहे थे ।
राजजी - ताऊ ! यार बहोत हो लिया यो रामप्यारी और पहेली वाला नाटक ..इब तो कुछ ऐसा काम करो जिससे अपना नाम भी गिनीज़ बुक महे आ जावै .....
ताउजी - मेरै पास एक लट्ठ छाप धांसू आईडिया सै ।
राजजी - के ?
ताउजी - यो आम का पेड़ दिख रह्या सै ना .....इस्पै आम बन कै लटक जा ...आज तक कोई नहीं
लटका होगा तेरा नाम गिनीज़ बुक महे आ जावेगा।
राज भाटिया जी लटक गए आम के पेड़ पे आम बन के , लेकिन दो ही मिनट में नीचे गिर पड़े ।
ताउजी - क्यों थक गए ?
राजजी - नहीं, पक गए .......................हा हा हा हा हा हा हा हा हा
...
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
-
शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
17 comments:
ha -- ha -- haa
आम तो आम है
समय पर पकेगा
इंसान इंसान है
आम की तरह
लटकेगा तो सही
पर पकेगा जल्द।
मज़ेदार.....
मज़ेदार..... हा...हा...हा........
लेकिन जब से ताऊ ने भाटिया जी को उधार के बहाने चपत लगाई है झांसे में कम ही आते है |
किसी एक ही जिक्र काफी है -दोनों के एक साथ उल्लेख से जलजला आ सकता है ! आगे गौर करिएगा !
अच्छा हुआ किसी ने पत्थर न चलाया वरना राज जी टपक जाते और ताऊ लट्ठ लिए घूम रहा होता हमेशा की तरह नये शिकार पर.
मुझे नही पता था कि आप कैमरा लिये हम दोनों के पीछे ही लगे थे.:)
रामराम.
:)
मजेदार!;)
भई देख लीजिएगा कहीं पिचक तो नहीं गये...:)
आप मजाक तो नहीं कर रहे ना !
हा हा हा हा हा हा ही ही ही ही ही ही हु हु हु हु हु हु....
नीरज
हा हा हा हा हा हा ही ही ही ही ही ही हु हु हु हु हु हु....
हा हा.. ठीक पक गये.. जोरदार..
हा हा हा हा।
wah wah.....mazedaar...
हा........
Post a Comment