रातों में महान रात
रात शिवरात सारी
रात गुणगान में गुज़ारती है दुनिया
अंग अंग में तरंग
उठती है चंग की सी
कंठ में भक्तिभंग उतारती है दुनिया
खड़ा है कराल कलि-
काल विकराल देखो
हाल कैसे जीवन गुज़ारती है दुनिया
हो चले अनाथ हम
नाथन के नाथ भोले
नाथ चले आओ कि पुकारती है दुनिया
6 comments:
भोले नाथ की आज बहुत ज़रूरत है,
आज सीधा सदा इंसान ज़ुल्म से दब रहा है,
परेशान है आज,
देश के ठेकेदारों को तनिक भी नही आती लाज,
आज फिर से भोले नाथ अवतार लेंगे,
और धरा को अपराध से मुक्त कर देंगे.
आप की पुकार रंग लाएगी.धन्यवाद
वाह्! क्या आनन्ददायक छन्दावली प्रस्तुत की है.....बहुत ही बढिया।
सब बाबा भोलेनाथ की कृ्पा है.....
बहुत ही बढिया।
जय हो भोलेनाथ.
रामराम.
भोले भंडारी की कृपा बनी रहे. जय हो..
bahut hi badia rachna hai..........
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