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Albela Khatri

रतन सिंह शेखावत और सीकर की मुर्गी

रतन सिंह जी शेखावत जितने सुन्दर दिखते हैं

उतना ही अभिनव लिखते हैं । राजस्थान की रत्नगर्भा धरती के

ये उर्जस्वित सपूत एक दिन सीकर नगर में सुबह सुबह

टहल रहे थे । संयोग से मैं भी इनके साथ था। तभी मैंने देखा

एक मासूम सी मुर्गी दौड़ती हुई निकली जिसके पीछे एक


मवाली टाइप मुर्गा पड़ा हुआ था । मुर्गी आगे-आगे , मुर्गा पीछे-पीछे ।

अचानक मुर्गी बेचारी एक वाहन के नीचे आकर तड़पते हुए मर गई ।

मुझे बड़ा दुःख हुआ ।

मैंने कहा - कुंवर साहेब अच्छा नहीं हुआ ।

वे बोले - बहुत अच्छा हुआ ।

मैंने कहा - गरीब मुर्गी की जान चली गई, इसमे अच्छा क्या है ?

वे बोले - जान को मारो गोली , आन को देखो ....ये सीकर की मुर्गी है ,

सीकर की ... यानी राजस्थान की ....इसने अपनी जान दे दी पर

इज्ज़त नहीं दी .............हा हा हा हा हा हा हा हा हा

24 comments:

Girish Kumar Billore June 28, 2009 at 2:14 PM  

Bahut zor daar
badhai ho

sandhyagupta June 28, 2009 at 2:25 PM  

Log dhire dhire hansna bhul rahe hain aise me aapka prayas sarahniya hai.

dpkraj June 28, 2009 at 2:25 PM  

क्या बात है अलबेला जी! कहीं यहाँ के आप ब्लॉग लेखकों की बातें टीवी पर नहीं सुनाईये वरना बाकी हास्य कलाकार भी ब्लॉग लिखने लगेंगे. तब अन्य ब्लॉग लेखक उनको पढेंगे कि अपना लिखेंगे.
दीपक भारतदीप

ताऊ रामपुरिया June 28, 2009 at 2:33 PM  

:)

रामराम.

Himanshu Pandey June 28, 2009 at 2:36 PM  

वाह ! शानदार ।

राज भाटिय़ा June 28, 2009 at 3:10 PM  

मवाली टाइप मुर्गा ? वाह क्या बात है, मुर्गो मे भी अब चरित्र बन गया.
चलिये मुर्गी अपनी आन ओर शान बचा गई बहुत बडी बात है :) धन्यवाद

satish kundan June 28, 2009 at 3:43 PM  

हा...हा हा मजा आ गया .....

शेफाली पाण्डे June 28, 2009 at 5:38 PM  

ye bhi kamal ka hai......

संगीता पुरी June 28, 2009 at 5:41 PM  

वाह !!

cartoonist anurag June 28, 2009 at 5:50 PM  

murge ka kya hua....
mail dekha aapne....
dekhiye dil khush na ho jaye kahna........

Murari Pareek June 28, 2009 at 5:58 PM  

इंसानों को इस तरह की मुर्गियों से सबक लेना चाहिए !!! मुरगन रीत सदा चली आई प्राण जाए पर आन ना जाये!! अब मुर्गी पर इससे अच्छी तुकबंदी नहीं हो सकती मेरे से !!

रंजन June 28, 2009 at 6:46 PM  

आन बान शान
प्यारा राजस्थान..

पर मुर्गी मरवा के अच्छा नहीं किया..;)

Anil Pusadkar June 28, 2009 at 8:55 PM  

अब तो नया डायलाग आ जायेग।शक्ति कपूर या गुल्लू भैया जैसे शरीफ़ लोगो के चंगुल मे फ़ंसी हिरोईन बोलेगी, मै सीकर की मुर्गी हूं कमीने जान दे दूंगी मगर….…………॥

Gyan Darpan June 28, 2009 at 9:31 PM  

बहुत खूब !

अब राजस्थान में आन बान शान ही तो बची है खत्री जी |

Udan Tashtari June 28, 2009 at 9:47 PM  

हा हा!! आन का सवाल है जी!!

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" June 28, 2009 at 10:42 PM  

हा हा हा....आखिर मुर्गी आन की रक्षा करते हुए एक वीरांगना की मौत मरी!!!!

परमजीत सिहँ बाली June 28, 2009 at 11:24 PM  

bahut baDhiyaa!!

दिगम्बर नासवा June 30, 2009 at 4:21 PM  

Kyaa murgi hai janaab.........

राजीव तनेजा August 29, 2009 at 12:05 AM  

हा...हा....हा...


मज़ेदार

pagdandi April 5, 2010 at 8:48 AM  

ha ha ha ha ha ha ha ha

Sitaram Prajapati February 3, 2013 at 3:17 PM  

बहुत मस्त .....

Astrologer Sidharth February 3, 2013 at 3:18 PM  

जान को मारो गोली... :)

Rajput February 3, 2013 at 6:04 PM  

हा....हा....हा।,॥ जान देती मगर इज्जत नहीं जाने दी

Unknown February 4, 2013 at 2:41 PM  

"जान जाये पर आन ना जाये" सही कहा रतन सिंह जी आपने

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