छोटी सी बात का बड़ा हौव्वा निकला
हंस जिसे समझे थे वो कौव्वा निकला
रोज़ हमको देता था नसीहत न पीने की
आज उसी की जेब से पौव्वा निकला
_______________________हा हा हा हा हा हा
____________________________________________
यह मुक्तक एक ट्रक के पीछे लिखे वाक्य से प्रेरित होकर लिखा इसलिए अपना मौलिक नहीं, थोड़ा थोड़ा चोरी का माल भी शामिल है ...हा हा हा हा
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
-
शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
2 comments:
बहुत खूब पौआ और कौआ क्या बात है .
चोरी ी चलेगी मगर वो पव्वा है कहाँ जो निकला था..बैठक जमाई जाये. :)
Post a Comment