तिनका भी मिल जाए तो टकरायेंगे तूफ़ान से
है हमें उम्मीद नव पीढ़ी के हर नौजवान से
ज़ुल्म और दहशत वतन में कौन फ़िर करेगा
प्यार गर मिलता रहे इन्सान को इन्सान से
है हमें उम्मीद नव पीढ़ी के हर नौजवान से
ज़ुल्म और दहशत वतन में कौन फ़िर करेगा
प्यार गर मिलता रहे इन्सान को इन्सान से
1 comments:
भाई-चारे की इससे पुख्ता और मिसालें क्या दूँ?
पूछ रहा है थाने जा कर चोर पुलिस का हाल
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