वो ज़माना और था जब मीरा मोहन ...मोहन ...पुकारती रही ....और लोग उसका विरोध करते रहे.... वो मीरा मोहन ......मोहन........ गाते हुए स्वयं मोहन हो गई ....लेकिन मोहन के साथ ......उसका सम्बन्ध केवल आत्मिक रहा , दैहिक नहीं । अब ज़माना और है .....अब तो मीरा लोकसभा की अध्यक्ष है भाई.......अब तो मनमोहन को भी कुछ बोलना होगा तो वे उन्हें ......'आदरणीय अध्यक्ष महोदय ' ही कह कर बुलाएँगे
जियो ..जियो ..आज तो वैकुण्ठ में मोहन और मीरा दोनों हँस रहे होंगे और रुक्मणीजी दोनों को हँसते देख वैसे ही जल रही होगी जैसे यहाँ माया जी जल रही हैं .........हा हा हा हा हा हा हा हा
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hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
8 comments:
KHA KHUB KAHI JANAB.
AB TO MEERA KE MOHAN.
AUR MOHAN KI MEERA NAHI (ADHYAKSH MAHODYA HO GAYI)
WAH
ये भी खूब रही !
खूब हास्यातिरेक पकडा़ भाई।
Aapke comment ke liye ("maa pyaree maa" is lekhpe), shukr guzaree jatane aayee hun..zarranawazee aur hausala afzayee donoke liye..
Aapke lekhanpe alagse tippanee karungee..aie sarsari taurse padhke nahee...kya iswaqt kshama karenge?
Jo likha hai, uspe kuchh gehen likhna chahtee hun..
bahut badhiyaa!
Waah Majaa aa gayaa!!!!
:)
बहुत ही सुंदर.
धन्यवाद
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