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Hindi Hasya kavi Albela Khatri's blog

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Albela Khatri

मेरे मन की मीरा रोई .......................

कन्हैया ______एक झलक दिखला दे
कन्हैया __________________


जनम जनम से तरस रही हूँ
नयनों के रस्ते बरस रही हूँ
अब तो दरस करा दे
प्रेम का परस करा दे
_________________कन्हैया____ एक झलक दिखला दे


तन में अगन इक ख़ास लगी है
मन में मिलन की प्यास जगी है
आकर प्यास बुझा दे
धुन मुरली की बजा दे
_________________कन्हैया ____एक झलक दिखला दे


पन्थ न जानूँ , कर्म न जानूँ
मैं पूजन का मर्म न जानूँ
नेह का धर्म निभा दे
प्रीत का गीत सुना दे
_________________कन्हैया ____एक झलक दिखला दे


मैं दु:खियारी, विरहिन नारी
कृष्ण मुरारी, हे बनवारी
म्हारी पीर मिटा दे
सुख की घटा बरसा दे
_________________कन्हैया ____एक झलक दिखला दे


कौन जतन करूँ , कौन उपाय रे
कैसे पुकारूँ समझ न आय रे
तू ही राह दिखा दे
अपनी राय बता दे
_________________कन्हैया ____एक झलक दिखला दे
_________________कन्हैया ________________
_________________कन्हैया ________________

9 comments:

रंजू भाटिया June 5, 2009 at 1:30 PM  

बहुत खूबसूरत कहा है आपने ..कृष्ण का कोई भी गीत प्यारा लगता है ...

संजय बेंगाणी June 5, 2009 at 1:57 PM  

हरे कृष्ण हरे कृष्ण...


हास्य से भक्ति की ओर प्रयाण....सुन्दर रचना.

समय चक्र June 5, 2009 at 1:58 PM  

बहुत बेहद अच्छी रचना धन्यवाद.
पर्यावरण की सुरक्षा का संकल्प लें

Anonymous June 5, 2009 at 2:27 PM  

सच्चे मन से और इतनी पीड़ा के साथ पुकारा है आपने कन्हैया को, तो आना ही पड़ेगा उन्हें...बस किस समय और किस रूप में आते हैं ये आपको खुद-ब-खुद पहचानना पड़ेगा...

साभार
हमसफ़र यादों का.......

परमजीत सिहँ बाली June 5, 2009 at 4:01 PM  

सुन्दर गीत है।बधाई।

Non_prejudice June 5, 2009 at 7:07 PM  

Manyawar,
Aap Blog par padhare ,Comment kiya bahut bahut Aabhar,

Asha hai Aap Comment karte rahenge,

baki aapki prashansha kya karna,(america ko technology sikhane jaisa hai).

Badhai sahab ! aabhar.

yours Gagan Shrivastava .

प्रिया June 5, 2009 at 9:55 PM  

kanha ki stuti to raas aa gai

vijay kumar sappatti June 9, 2009 at 4:18 PM  

albela ji

bahut dino se soch hi raha tha ki krishan ji par kuch likhu... ab aapki is rachna ko padh liya ..man bhar gaya ...
naman aapko

prashant April 28, 2010 at 4:32 AM  

behatar rachana

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